इस वजह से भारत में हर साल होती है 57 हजार नवजातों की मौत

इस वजह से भारत में हर साल होती है 57 हजार नवजातों की मौत

सेहतराग टीम

यूं तो भारत में स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं की कमी के कारण हर वर्ष हजारों नवजात बच्‍चों की मौत हो जाती है मगर अब एक अध्‍ययन का दावा है कि भारत में करीब 57 हजार बच्‍चे हर वर्ष दवा प्रतिरोधी संक्रमण के कारण काल के गाल में समा जाते हैं। ये दवा प्रतिरोधी संक्रमण दरअसल पूरी दुनिया में एंटीबायोटिक दवाओं के अंधाधुंध इस्‍तेमाल का नतीजा हैं जिसके कारण कई तरह के सुपरबग अस्‍त‍ित्‍व में आ गए हैं जो एंटीबायोटिक दवाओं से नष्‍ट नहीं होते हैं।

इस अध्ययन में सुपरबग के खिलाफ वैश्विक लड़ाई के लिए कानून को बेहतर तरीके से लागू करने की जरूरत पर जोर दिया गया है। ‘द जर्नल ऑफ इन्फेक्शन’ में प्रकाशित इस अध्ययन में यह भी कहा गया है कि पूरी दुनिया में एंटीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल करने का परामर्श धड़ल्ले से दिया जाता है।

अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि एंटीबायोटिक प्रतिरोध अब वैश्विक स्वास्थ्य खतरा है जिससे अमेरिका में बीस लाख से अधिक लोग संक्रमित होते हैं और हर साल इनमें से 23 हजार की मौत हो जाती है।

इसमें यह भी कहा गया है कि 2000 से 2010 तक पूरी दुनिया में एंटीबायोटिक दवाओं की खपत 50 अरब से बढ़कर 70 अरब मानक इकाई तक पहुंच गयी। इनमें सबसे अधिक खपत ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका में हुई। इस अध्‍ययन का दावा है कि भारत में एंटीबायोटिक प्रतिरोध संक्रमण के कारण हर साल 57 हजार शिशुओं की मौत हो जाती है। 

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